स्वर:मेंहदी हसन
रचना: बहादुर शाह ज़फ़र
स्वर:मेंहदी हसन
रचना: बहादुर शाह ज़फ़र
This entry was posted on गुरूवार, जून 18th, 2009 at 7:56 पूर्वाह्न and is filed under कला और संगीत, मेहदी हसन. You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0 feed. You can leave a response, or trackback from your own site.
सोम | मंगल | बुध | गुरु | शुक्र | शनि | रवि |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 |
मेरी पसंदीदा गजल ! कितने दिनों से सुनने की तमन्ना थी -जी चाहता है सदियों तक सुनता रहूँ ! शुक्रिया !!!
भाई बहुत, सुंदर. धन्यवाद इतनी सुंदर प्रस्तुति के लिए.
बहुत खुब.. ्बहुत सुना इसे..