रचना और स्वर: मीना कुमारी
संगीत: ख़य्याम
1. चांद तन्हा है आसमां तन्हा
2. आबलापा कोई इस दश्त में आया होगा
3. यूँ तेरी रहगुज़र से दीवाना वार गुज़रे
4. मेरा माँझी मेरी तन्हाई का अंधा शिग़ाफ़
5. ये नूर कैसा है राख़ का सा रंग पहने
6. आग़ाज़ तो होता है अंज़ाम नहीं होता
7. पूछ्ते हो तो सुनो कैसे बसर होती है
8. टुकड़े टुकड़े दिन बीता धज्जी धज्जी रात मिली