स्वर: बेग़म अख़्तर
कैसी ये धूम मचाई रे, रे कन्हैया
रंग छिड़कत हो… मैं तो हूँ नार पराई रे
कैसी ये धूम मचाई…
स्वर: बेग़म अख़्तर
कैसी ये धूम मचाई रे, रे कन्हैया
रंग छिड़कत हो… मैं तो हूँ नार पराई रे
कैसी ये धूम मचाई…
This entry was posted on मंगलवार, अप्रैल 1st, 2008 at 5:01 पूर्वाह्न and is filed under कला और संगीत, बेग़म अख़्तर. You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0 feed. You can leave a response, or trackback from your own site.
बेहतरीन…क्या खूब धूम मचाई है।
आनन्दम! आनन्दम!